ख्यातिलब्ध साहित्यकार स्वर्गीय वीरेंद्र त्रिपाठी की प्रथम पुण्य तिथि पर पुष्प सुमन अर्पित करते हुए एशिया लाइट लखनऊ के प्रधान संपादक प्रमोद तिवारी...!

एक पाती आप के नाम मित्रो...!


 बड़े दुख के साथ अपने मन की वेदनाओ को आपसे सांझा कर रहा हूं  कि हमारे पूज्य ताऊ जी स्व. वीरेंद्र त्रिपाठी की आज दिनांक 13.03.2020 को उनकी प्रथम पुण्य तिथि है।


उनका निधन गतवर्ष 13.03.2019 को दिल्ली के मैक्स हॉस्पीटल में 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उनके निधन से साहित्य जगत की अपूर्णीय क्षति हुई है। उन्होंने अपने जीवन काल मे नया कदम मासिक, इंद्रधनुष हिंदी डाइजेस्ट का सम्पादन किया। मास्को से प्रकाशित स्पुतनिक मासिक में सलाहकार संपादक रहे तथा गोर्की पर हिंदी भाषा में पहली पुस्तक का अनुवाद किया।


 


हिंदी के स्वनामधन्य लेखक कवियो की प्रथम रचना को छापकर उन्हें प्रोत्साहित किया। स्वतन्त्रता संग्राम में पत्रकार के रूप में योगदान करने के लिए वे उत्तर प्रदेश सरकार  विषयक पांडुलिपि पर 1990 में भारतीय हरिश्चन्द्र राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुए। उन्होंने विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया तथा बतौर लेखक "हिंदी फिल्म का दस्तावेज़" जैसी श्रेष्ठ कृति का सृजन कर फिल्मी दुनिया के समीक्षक एवं पत्रकार की पंक्ति में एक सशक्त हस्ताक्षर बनकर उभरे। कलकत्ता से प्रकाशित हिंदी समाचार पत्र दैनिक छपते-छपते से मान्यता प्राप्त पत्रकार के रूप में उन्होंने अंतिम समय तक उसका प्रतिनिधित्व किया। उनका जन्म 9 मार्च, 1923 को जनपद औरेया के ग्राम क्योंटरा निवासी साहित्यकार व लेखक पंडित अयोध्याप्रसाद तिवारी के घर हुआ था। उनकी माता का नाम विद्या देवी था। आज उनकी प्रथम पुुण्य तिथी पर एशिया लाइट के प्रधान संपादक प्रमोद तिवारी ने अपने कार्यालय में उनकी छाया चित्र पर पुष्प अर्पित किए।